Bihar Land Survey: नहीं ली जाएगी किसी की जमीन
बिहार सरकार ने एक बार फिर जमीन सर्वे को लेकर जानकारी साझा की है। सरकार किसी भी रैयत की जमीन नहीं लेगी लोग इत्मीनान से स्वघोषणा पत्र दाखिल करें। विभाग के सचिव ने कहा कि अगर जमीन से जुड़ा कागजात लेना ही है
तो इसे ऑनलाइन माध्यम से भी ले सकते हैं। सचिव ने कहा कि स्वघोषणा पत्र के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Bhumi News राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा है कि भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य किसी की जमीन लेना या उन्हें शांतिपूर्ण कब्जे वाली जमीन से बेदखल करना नहीं है।
इसका उद्देश्य जमीन के कागजात को ठीक करना है, ताकि इसके कारण विवाद न हो। अगर किसी का जमीन पर शांतिपूर्ण और वैद्य दखल है तो उसे कोई बेदखल नहीं कर सकता है।
सिंह ने मंगलवार को यहां कहा कि सर्वे (Bihar Land Survey 2024) को लेकर आम लोगों के बीच कुछ भ्रांतियां हैं। स्वघोषणा पत्र को लेकर भी लोग परेशान हो रहे हैं। उसके लिए कई तरह के कागजात जुटा रहे हैं।
अंचलों और अभिलेखागारों में भीड़ है। स्वघोषणा पत्र कागज पर हस्तलिखित दिया जा सकता है। तत्काल कोई दस्तावेज लगाने की जरूरत नहीं है।
बिहार भूमि सर्वेक्षण कैसे करें?
Bihar Jamin Survey: बिहार में सभी भूस्वामियों को अपनी जमीन का सर्वे करवाना अनिवार्य है। सभी मौजा में जमीन का सर्वे करवाने के लिए कैंप लगाया गया है।
जिसमें कानूनगो के साथ अमीन और बंदोबस्त पदाधिकारी की विशेष तौर पर नियुक्ति की गई है। अगर कोई व्यक्ति अपनी जमीन का सर्वे करवाना चाहता है तो सबसे पहले उसे दो फॉर्म भरने होंगे
बिहार भूमि सर्वेक्षण के मुख्य उद्देश्य
- इस भूमि सर्वेक्षण से पुराने और अधूरे भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक तकनीक के माध्यम से अद्यतन किया जाएगा।
- सर्वेक्षण डेटा का उपयोग भूमि उपयोग योजना और कृषि, उद्योग और अन्य गतिविधियों के लिए भूमि के उचित आवंटन के लिए किया जाएगा।
- सटीक भूमि रिकॉर्ड से राजस्व संग्रह में सुधार होगा।
ऑनलाइन लें जमीन से जुड़े कागजात
उन्होंने कहा, इसकी जरूरत बाद के दिनों में होगी। इसमें छह सात महीने का समय भी लग सकता है। अगर जमीन से जुड़ा कागजात लेना ही है तो इसे ऑनलाइन माध्यम से भी ले सकते हैं।
सचिव ने कहा कि स्वघोषणा पत्र के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। लोग महीना-दो महीना में इसे जमा कर सकते हैं। अगर राज्य या देश के बाहर रह रहे हैं तो इसे ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं।
हाथ से भी भरा जा सकता है स्व-घोषणा पत्र: सचिव
स्व-घोषणा पत्र को लेकर भी लोगों में भ्रम है। कई लोग इसके लिए अलग-अलग दस्तावेज जुटा रहे हैं, जिसकी वजह से अंचल और अभिलेखागारों में भीड़ लगी रहती है। इस बारे में स्पष्ट करते हुए सचिव ने कहा कि स्व-घोषणा पत्र हाथ से भी भरा जा सकता है
और अभी किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं है। दस्तावेजों की आवश्यकता बाद में पड़ेगी, जिसके लिए लोगों के पास छह से सात महीने का समय होगा।
जुबानी समझौते के आधार पर जमीन की खरीद-ब्रिकी वालों की चिंता दूर
बहुत से लोग ज़ुबानी समझौते के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री करते हैं। ऐसे लोगों को भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। अगर किसी का ज़मीन पर शांतिपूर्ण कब्ज़ा है तो सर्वे के दौरान उसे रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया जाएगा।
जय सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे सरकार द्वारा दी जा रही जानकारी पर ध्यान दें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
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